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पंचवटी / मैथिलीशरण गुप्त / पृष्ठ १
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12:00, 6 सितम्बर 2009
बना हुआ है प्रहरी जिसका,
उस कुटीर में क्या धन है।
जिसकी
रक्ष् सेवा
रक्षा
में रत इसका,
तन है, मन है, जीवन है।
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