'''I am looking for the poem "Kachari" by Sh. Kailash Gautam. Please I NEED IT URGENTLY. Can someone email me the same at savita.qa@gmail.com'''
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Name: Mrinal sharma
I am adding one of my unpublished poem here.
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** उदगम **
नदी का उदगम,
उसकी क्षमता का
संकेत नही |
वह छोटी सी धारा,
चंद पत्थरों के बीच से,
निकलती है जो,
उसका बचपन,
उसके यौवन का,
सामर्थ्य नही|
हठ, आगे बढ़ने का,
निश्चय, न रुकने का,
जीवन है उसका,
पर्वतों को भेदना,
निगलना मैदानो को,
उसका प्रवाह,
सामर्थ्य है उसका |
सिन्धु की तृप्ति,
बागीचे नही,
वनों को सींचती है,
उसकी क्षमता |
नदी का उदगम,
सामर्थ्य नही उसका |
---मृणाल शर्मा