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आ चांदनी भी मेरी तरह जाग रही है / बशीर बद्र
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13:13, 17 अप्रैल 2008
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आ
चाँदनी
चांदनी
भी मेरी तरह जाग रही है <br>
पलकों पे सितारों को लिये रात खड़ी है <br><br>
Pratishtha
KKSahayogi,
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