Changes

लौटती धूप / अवतार एनगिल

595 bytes added, 10:46, 12 सितम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल }} <poem>...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
}}
<poem>इन रतनारे पर्वतों पर
साँझ की धूप के नन्हें टुकड़े
वापिस सूर्य की तरफ
भाग रहे हैं

धूप के टुकड़ों के संग़
दौड़ते-चलते
मैं मुक्त हो गया हूँ
मैं धूप हो गया हूँ
---सपना</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits