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12:20, 12 सितम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
<poem>आओ,मित्र
तलाश करें
उस रंग की
जो अनायास
हमारी अजुरी से झर गया है
कहीं-न-कहीं
हमारे आस-पास
ज़रूर होगा
हमारे लहू का वह रंग
जो रंगों की राजनीति में
बेमौत मर गया
</poem>