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13:14, 12 सितम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
<poem>आपका मित्र
मात्र कोई तौलिया नहीं
जिसे आप
हाथ सुखाने के लिए
इस्तेमाल करना चाहते हैं
मित्र होता है____मित्र !
जो पश्मीना अहसास
जो आपको अपनी स्नेही बाहों में
लपेट लेता है
ठीक उस समय
जब तुन्द सर्द हवाओं में
आपके दात बज रहे होते है।
आपका मित्र
होता नही कोई पालतू
भागा चला आता है जो
आपकी अनमनी
टुकड़ा भर दुकान पर
इस पर भी वह
होता है ज़रूर
एक करीबी अहसास
खिंचा चला आता है जो
आपकी
एक ही पुकार पर
नहीं कोई शर्तनामा दोस्ती
जिस पर हस्ताक्षर करके
कोई उसे कर दे
ताले में बंद
नहीं कोई होशियारी-दोस्ती
नहीं कोई छल
ओट में जिसकी
शत्रु से लड़कर
जीतते हैं युद्ध
है मगर दोस्ती
सादगी वह
जिसमें साथ-साथ चलते
बिना किसी प्रतियोगिता के
जाते हैं आप
खुद को भी हार
</poem>