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स्नेह-निर्झर बह गया है / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
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19:58, 9 मई 2007
दिये हैं मैने जगत को फूल-फल,<br>
किया है अपनी
प्रभा
प्रतिभा
से चकित-चल;<br>
पर अनश्वर था सकल पल्लवित पल-<br>
ठाट जीवन का वही<br>
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Hemendrakumarrai