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सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

338 bytes added, 07:13, 21 सितम्बर 2009
जनविजय जी महादेवी जी की जो कवितायें मैंने उनके मुखपॄष्ट से हटाईं थी वे ’नीहार’संग्रह का भाग हैं। जिसे मैं टाइप कर रहा हूँ। उन्हें दुबारा मुखपृष्ठ पर ड़ालने का क्या कारण है।
-धर्मेन्द्र कुमार सिंह
जनविजय जी, महादेवी जी के संग्रह ’नीहार’ का मुखपृष्ठ नहीं खुल रहा है। कृपया देखें क्या समस्या है। धन्यवाद।-धर्मेन्द्र कुमार सिंह
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