गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मैं जीवन में कुछ कर न सका / हरिवंशराय बच्चन
No change in size
,
22:43, 1 अक्टूबर 2009
मैं जीवन में कुछ न कर सका!
जग में
अँधियाला
अँधियारा
छाया था,
मैं ज्वाला लेकर आया था
मैंने जलकर दी आयु बिता, पर जगती का तम हर न सका!
हेमंत जोशी
Mover, Uploader
752
edits