सादर
--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] २०:४२, २९ सितम्बर २००९ (UTC)
==’ड़’ और ’ढ़’के नीचे बिन्दी==
प्रिय धर्मेन्द्र जी,
आप बड़ी तेज़ी से और बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, जब हम सब लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त हैं, आप जुटे हुए हैं। इसके लिए आभार। लेकिन मैं आपका ध्यान एक छोटी सी भूल की ओर दिलाना चाहता हूँ कि ’ड़’ अक्षर ’ड’ अक्षर से भिन्न होता है। ’गड़बड़’ में तो ’ड़’ के नीचे बिन्दी लगेगी, लेकिन ’डाल’ और ’डंडा’ और ’ठंडा’ जैसे शब्दों में ’ड’ अक्षर बिना बिन्दी के लिखा जाएगा। ये दो अलग-अलग ध्वनियाँ हैं। आप शुरू से ही यह भूल करते रहे हैं। इसी तरह से ’ढ’ और ’ढ़’दो अलग-अलग ध्वनियाँ हैं। आशा है, आप आगे से इसका ख़याल रखेंगे। और मेरी बात को अन्यथा नहीं लेंगे। सादर
--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] १८:३७, ३ अक्तूबर २००९ (UTC)