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सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

231 bytes added, 06:31, 4 अक्टूबर 2009
मेरी भूल की तरफ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद। आगे से ज्यादा सावधान रहूँगा । बाकी काम तो मैं भी करता हूँ। अन्तर इतना है कि मेरे पास २४ घंटे असीमित इन्टरनेट है सो जब काम से बोर हो जाता हूँ तो कविता टंकित कर लेता हूँ। बाकी टंकण करना मैंने सीख रखा है। तो मुझे एक कविता टंकित करने में तीन से चार मिनट लगते हैं। इतना अन्तर है कि काम अंग्रेजी में करना पडता है और कविता हिन्दी में टंकित करनी पडती है। निशा-निमंत्रण की जो प्रति मेरे पास है वह पानी में भीग गई थी। तो बीच में कुछ अक्षर मुझे अन्दाजे से लिखने पड़े हैं। आपने चौपाल में लिखा था कि आपके पास बच्चन जी का सारा काव्य है तो अगर समय मिले तो एक बार पढ लीजिएगा। एक बार पुनः धन्यवाद। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
 
बिल्कुल ठीक रहेगा जनविजय जी। आपने तो मेरे मन की बात कह दी। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
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