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आज पहली बार / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
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05:02, 12 अक्टूबर 2009
चुपचाप अपनी गोद में रक्खा,
और जलते हुए मस्तक पर
काँपता सा
हाँथ
हाथ
रख कर कहा-
"सुनो, मैं भी पराजित हूँ
अनिल जनविजय
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