* [[अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है / गुलज़ार]]
* [[ज़ुबान पर ज़ायका आता था जो सफ़हे पलटने का / गुलज़ार]]
* [[हमें पेड़ों की पोशाकों से इतनी-सी ख़बर तो मिल ही जाती है / गुलज़ार]]
* [[दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में / गुलज़ार]]
* [[एक नदी की बात सुनी... / गुलज़ार]]
* [[बारिश आने से पहले / गुलज़ार]]
* [[मेरे रौशनदान में बैठा एक कबूतर / गुलज़ार]]
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