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अध्याय १ / भाग १ / श्रीमदभगवदगीता / मृदुल कीर्ति
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सेना लखि द्रोण सों बोल रहे
हे
गुरुवार
गुरुवर
!
व्यूहामयी खड़ी
व्यूहमयी ठाड़ी
,
पाण्डु के पुत्रन की सेना.
द्रुपद
पुत्र
सुतन
ने जाहि रच्यो ,
जुद्ध इनहीं सों तो होना
सम्यक
KKSahayogi, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
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