Changes

{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
तम्हारी तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूली-धूसर तुम्हारे ये गात...
मैं न सकता देख
मैं न पाता जान
तम्हारी तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits