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देखनेवालों तबस्सुम को करम मत समझो <br>
उंहें उन्हें तो देखनेवालों पे हँसी आती है <br><br>
चाँदनी रात मोहब्बत में हसीन थी "फ़ाकिर" <br>
अब तो बीमार उजालों पे हँसी आती है <br><br>