Changes

}}
[[Category:पद]]
<poem>गोकुल की गैल, गैल गैल ग्वालिन की,
गोरस कैं काज लाज-बस कै बहाइबो।
कहै 'रतनाकर' रिझाइबो नवेलिनि को,
ऊधो सुख-संपति-समाज ब्रज मंडल के,
भूले न भूलैं, भूलैं हमकौं भुलाइबो॥
 
 
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits