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घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है / अदम गोंडवी
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18:42, 3 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अदम गोंडवी
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है।
बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।।
सुलगते जिस्म की गर्मी का फिर एहसास वो कैसे।
मोहब्बत की कहानी अब जली माचिस की तीली है।।</poem>
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