गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आवारा हवाओं के खिलाफ़ चुपचाप / अभिज्ञात
16 bytes added
,
17:16, 4 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अभिज्ञात
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>स्पन्दन बचा है अभी
कहीं, किन्हीं, लुके-छिपे संबंधों में
प्रलय को न्योतते हुए
नहीं लजाएँगे अगली सदी तक हम।
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits