Changes

इसके पहले / अरुण कमल

19 bytes added, 07:28, 5 नवम्बर 2009
|संग्रह = अपनी केवल धार / अरुण कमल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
इसके पहले कि तुम उगो
 
ओ बीज
 
मैंने तुम्हें मिट्टी से ढाँपा था ।
 
इसके पहले कि तुम खिलो
 
ओ गुलाब
 
तुम्हारी कलम पर मैंने
 
थोपा था गोबर ।
 
इसके पहले कि तुम फलो
 
ओ बैगन के पौधे
 
तुमने ख़ुद ही झाड़े थे
 
कितने कठफूल ।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits