गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
चंद रुबाइयात / अली अख़्तर ‘अख़्तर’
16 bytes added
,
17:51, 5 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अली अख़्तर 'अख़्तर'
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरी बला को हो, जाती हुई बहार का ग़म।
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits