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नज़्म / अली सरदार जाफ़री
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01:57, 6 नवम्बर 2009
वो हुस्न हर्फ़ में, नग़्में में है, किताब में है
वो हुस्न शोले में, शबनम में है, शराब में है
वो हुस्न जिससे है तस्वीरे-
काइनात
क़ाइनात
में रंग
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द्विजेन्द्र द्विज
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