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वह नहीं कहती / अशोक वाजपेयी

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|रचनाकार=अशोक वाजपेयी
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उसने कहा
 
उसके पास एक छोटा सा हृदय है
 
जैसे धूप कहे
 
उसके पास थोड़ी सी रौशनी है
 
आग कहे
 
उसके पास थोड़ी सी गरमाहट---
 
 
धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है
 
आग नहीं कहती उसके पास लपटें
 
वह नहीं कहती उसके पास देह ।
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