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09:10, 16 नवम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अमीर खुसरो
}}
{{KKCatKavita}}<poem>जो पिया आवन कह गए अजहुँ न आए, अजहुँ न आए स्वामी हो
ऐ जो पिया आवन कह गए अजुहँ न आए। अजहुँ न आए स्वामी हो।
स्वामी हो, स्वामी हो। आवन कह गए, आए न बाहर मास।
जो पिया आवन कह गए अजहुँ न आए। अजहुँ न आए।
आवन कह गए। आवन कह गए।
</poem>