गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मुक्त देश / रामधारी सिंह "दिनकर"
2 bytes added
,
19:49, 16 नवम्बर 2009
::कष्ट अल्प, पर, शोर बहुत होता है।
तानाशाही का पर, हाल विचित्र,
::
जीभ बाँध जन मन-ही-मन रोता है।
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits