जनविजय जी! प्रसिद्ध कवियों की कुछ रचनाएँ कूड़ा कविताओं जैसी लगती हैं। क्या उन्हें कविता कोश पर डालना उचित है? सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
== बधाई, २५,००० पन्नों का सफ़र तय हो गया ==
कविताकोश टीम को हार्दिक बधाई,
बहुत बहुत बधाई, २५,००० पन्नों का सफ़र तय हो गया, हिंदी साहित्य को अंतरजाल पर इस तरह पैर फैलाते देख मन हर्षित हो उठता है
दुआ है कि सभी मिल कर इसी तरह काम करते जाएँ और नए साथी जोड़ते जाएँ, सहयोग, प्रेम, आदर और समर्पण हमारे बीच में जब तक रहेगा, कविताकोश इसी तरह उन्नति करता रहेगा
मैं २८ दिसंबर तक परीक्षा में व्यस्त रहूंगी, ऑनलाइन आना नहीं हो सकेगा
दिसंबर के बाद आप सबके बीच दुबारा नज़र आऊँगी
तब तक के लिए इजाज़त
--[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ०२:०५, २१ नवम्बर २००९ (UTC)