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15:28, 22 नवम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= जया जादवानी
|संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्वर्य / जया जादवानी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
हाथ छापते हैं पन्ने
होती है शब्दों की बारिश
धुल जाती है हर कविता
पहली बारिश में
बचा रहता है वही
जो नहीं जा सका कहा...।
</poem>