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02:10, 27 नवम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=
}}
<poem>किस गली में रहते हैं आप जीवनलालजी
किस गली में
क्या आप भी अखबार में पढ़ते हैं
विश्व को आंदोलित होते
आफ्रिका, लातिन अमेरीका
क्या आपकी टीवी पर
तैरते हैं औंधे अधमरे घायलों से
दौड़कर आते किसी भूखे को देख
डरते हैं क्या लोग – आपके पड़ोसी
लगता है उन्हें क्या
कि एक दक्षिण अफ्रीका आ बैठा उनकी दीवारों पर
या लाशें एल साल्वाडोर की
रह जाती हैं बस लाशें
जो दूर कहीं
दूर ले जाती हैं आपको खींच
भूल जाते हैं आप
कि आप भी एक गली में रहत हैं
जहाँ लड़ाई चल रही है
और वही लड़ाई
आप देखते हैं
कुर्सी पर अटके
अखबारों में लटके
दूरदर्शन पर
जीवनलालजी
दक्षिण अफ्रीका और एल साल्वाडोर की लड़ाई
हमारी लड़ाई है।
</poem>