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मातम न हो क्यों भारत में बपा दुनिया से सिधारे आज तिलक / हसरत मोहानी
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07:46, 5 दिसम्बर 2009
[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
मातम न हो क्यों भारत में बपा दुनिया से सिधारे आज तिलक<ref >लोकमान्य बालगंगाधर
तिलक
</ref>
बलवन्त तिलक, महराज तिलक, आज़ादों के सरताज तिलक
जब तक वो रहे, दुनिया में रहा हम सब के दिलों पर ज़ोर उनका
गंगाराम
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