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बजरंग बाण / तुलसीदास

25 bytes added, 13:50, 6 दिसम्बर 2009
== बजरंग बाण ==
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान । तेहिं के कारज सकल शुभ,सि़द्व करें हनुमान ।।
जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।