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03:05, 22 दिसम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>सघन अरण्यानी
कंटकित करौंदे की
फलों भरी
फल भी छोटे, मझौले
और बड़े
अलग अलग पेडों में
लगे हुए।
बड़े फल साथियों की राय से
हम सब ने तोड लिए
घर के लिए
प्रसंस्करण दक्ष हाथ करेंगे।
बड़ॆ करौंदे ही करौंदे कहलाते हैं
छोटे और मझोले/ करौंदी
मशहूर हैं।
चटनी, अचार
नाना रकम और स्वाद के
अपनों को उनकी
रुचि जान कर देते हैं।
2.02.2003
</poem>