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दिल है उसी के पास,हैं साँसें उसी के पास /गोविन्द गुलशन
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17:30, 2 जनवरी 2010
ग़ज़ल
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|रचनाकार=गोविन्द गुलशन
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<Poem>
दिल है उसी के पास,हैं साँसें उसी के पास
देखा उसे तो रह गईं आँखें उसी के पास
उसको पता नहीं है वफ़ा क्या है,क्या जफ़ा
हम छोड़ आए दिल की किताबें उसी के पास
</poem>
Shrddha
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