गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जूते / नरेश सक्सेना
26 bytes added
,
05:17, 5 जनवरी 2010
|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
जिन्होंने ख़ुद नहीं की अपनी यात्राएँ
दूसरों की यात्रा के साधन ही बने रहे
एक जूते का जीवन जिया जिन्होंने
यात्रा के बाद
उन्हें छोड़ दिया गया घर के बाहर।
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits