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घर का रास्ता / मंगलेश डबराल

805 bytes added, 18:42, 11 जनवरी 2010
<poem>'''एक जीवन के लिए''' शायद वहाँ थोड़ी सी नमी थीया हल्का सा कोई रंगशायद सिरहन या उम्मीद शायद वहाँ एक आंसू थाया एक चुम्बनयाद रखने के लिएशायद वहाँ बर्फ़ थीया छोटा सा एक हाथया सिर्फ़ छूने की कोशिश शायद अंधेरा थाया एक ख़ाली मैदानया खड़े होने भर की जगहशायद वहाँ एक आदमी थाअपने ही तरीके से लड़ता हुआ. १९८६</poem>{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मंगलेश डबराल
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