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घायल / हरे राम सिंह
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15:07, 11 फ़रवरी 2010
दिलों में घोंपे जाते हैं खंज़र
संगीनों की धड़कनें जब
हो
जती
जाती
हैं प्रचण्ड।
:::झोंपड़े के बीच
:::दूध पीता बचा
अनिल जनविजय
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