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चांद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए<br>
हर जगह तरफ आपका क़िस्सा हैं जहाँ से सुनिए
सबको आता नहीं दुनिया को सजाकर सता कर जीना <br>
ज़िन्दगी क्या है मुहब्बत की ज़बां से सुनिए
मेरी आवाज़ ही पर्दा है मेरे चेहरे का <br>
मैं हूँ ख़ामोश जहाँ , मुझको वहाँ से सुनिए
कौन पढ़ सकता हैं पानी पे लिखी तहरीरें <br>
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