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पंजाबी लोकगीत

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{{KKLokGeetBhaashaSoochiKKLoजोगी मैं तो लुट गयी तेरे प्यार मेंहाय तुझे इसकी खबर कब होगी  बागे दे विच सपणी जे सुइए ते कारदी ए मेनू मेनू बच के निकलीं मेरेया माहिया कि न लड़ जावे तैनू लुट्टी हीर वे यरां दीहाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. चलो सहियो चल वेखण चलिए रांझे दा चौबारा हीर विचारी इट्टा ढोवेते राँझा ढोवे गारा लुट्टी हीर वे यरां दीहाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी. चलो सहियो चल वेखण चलिए रांझे पाई हट्टीहीर निमाणी कम करेंदीहाय न होवे खट्टीलुट्टी हीर वे यरां दी हाल वे रब्बा मारी तेरियां गमां दी./ पंजाबी}}
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* [[हीर / पंजाबी]]
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