* [[मज़े जहान के अपनी नज़र में ख़ाक नहीं / ग़ालिब]]
* [[मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त / ग़ालिब]]
* [[महरम नहीं है तू ही नवानवाहाए-हाये राज़ का / ग़ालिब]]
* [[मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तिहाब में / ग़ालिब]]
* [[मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुए / ग़ालिब]]
* [[दीवानगी से दोश पे जुन्नार भी नहीं / ग़ालिब]]
* [[गिला है शौक़ को दिल में भी तंगी-ए-जाँ का / ग़ालिब]]
* [[मेहरम नहीं है तू ही नवा-हाय राज़ का / ग़ालिब]]
* [[वारस्ता इससे है कि महब्बत ही क्यों न हो / ग़ालिब]]
* [[गर न अन्दोहे शबे फ़ुरक़त बयाँ हो जाएगा / ग़ालिब]]