Changes

बचपन / नज़ीर अकबराबादी

33 bytes removed, 17:36, 29 अप्रैल 2007
~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~
 
क्या दिन थे यारो वह भी थे जबकि भोले भाले ।
क्या ऐश लूटते हैं, मासूम भोले भाले ।।6।।
 
~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~