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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
इब्नशर'अ-एओ-मरियम हुआ करे कोई <br>आईना पर मदार सही मेरे दिल की दवा ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई <br><br>
शर'अ-ओ-आईन पर मदार सही <br>चाल, जैसे कड़ी कमां का तीर दिल में ऐसे क़ातिल का क्या के जा करे कोई <br><br>
चाल जैसे कड़ी कमाँ का तीर <br>बात पर वां ज़बान कटती है दिल में ऐसे के जा वो कहें और सुना करे कोई <br><br>
बात पर वाँ ज़ुबान कटती है <br>बक रहा हूँ जुनूं में क्या-क्या कुछवो कहें और सुना कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई <br><br>
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या <br>न सुनो गर बुरा कहे कोई कुछ न समझे ख़ुदा कहो गर बुरा करे कोई <br><br>
न सुनो रोक लो, गर बुरा कहे ग़लत चले कोई <br>न कहो बख़्श दो गर बुरा ख़ता करे कोई <br><br>
रोक लो गर ग़लत चले कोई <br>कौन है जो नहीं है हाजतमंद बख़्श दो गर ग़लत किसकी हाजत रवा करे कोई <br><br>
कौन है जो नहीं है हाजतमंद <br>क्या किया ख़िज्र ने सिकंदर से किसकी हाजत रवा अब किसे रहनुमा करे कोई <br><br>
क्या किया ख़िज्र ने सिकंदर से <br>अब किसे रहनुमा करे कोई <br><br> जब तवक़्क़ो ही उठ गयी "ग़ालिब" <br>क्यों किसी का गिला करे कोई <br><br/poem>