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बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना / ग़ालिब
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16:46, 7 मार्च 2010
बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना / गा़लिब का नाम बदलकर बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना / ग़ाल
Sandeep Sethi
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