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|रचनाकार = रघुवीर सहाय|संग्रह = एक समय था / रघुवीर सहाय
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<poem>
अँग्रेज़ों ने
अँग्रेज़ी पढ़ाकर
प्रजा बनाई
अँग्रेज़ी पढ़ाकर
अब हम
राजा बना रहे हैं ।
अंग्रेज़ों ने अंग्रेज़ी पढ़ाकर प्रजा बनाई
अंग्रेज़ी पढ़ाकर अब हम राजा बना रहे हैं । ('''फरवरी 1972 में रचित, कवि के मरणोपरांत प्रकाशित 'एक समय था' नामक कविता-संग्रह से )' </poem>