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14:10, 10 मार्च 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= ग़ालिब
|संग्रह= दीवान-ए-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
न पूछ नुस्ख़ा-ए-मरहम<ref>दवाई का सर्जन</ref> जराहते-दिल<ref>दिल के ज़ख़्म</ref> का
कि उस में रेज़ा-ए-अल्मास<ref>हीरे का बुरादा</ref> जुज़्व-ए-आ़ज़म<ref>खास भाग</ref> है
बहुत दिनों में तग़ाफ़ुल<ref>बे-परवाही</ref> ने तेरे पैदा की
वह इक निगह<ref>इस संदर्भ में- ज़रा सा देखना</ref> कि ब ज़ाहिर<ref>साफ तौर पर</ref> निगाह<ref>इस संदर्भ में- ध्यान से देखना</ref> से कम है
</poem>
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