* [[गुलशन की तेरी सोहबत अज़-बसकि ख़ुश आई है / ग़ालिब]]
* [[जिस जख़्म की हो सकती हो तदबीर रफ़ू की / ग़ालिब]]
* [[सीमाब पुश्त-ए-गर्मी-ए-आईना दे कि , है हम / ग़ालिब]]
* [[हैं वस्ल-ओ-हिज़्र आ़लम-ए-तमकीन-ओ-ज़ब्त में / ग़ालिब]]
* [[चाहिये अच्छों को जितना चाहिये / ग़ालिब]]