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15:15, 17 मार्च 2010 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=कुमार विनोद
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<poem>
बच्चा सच्ची बात लिखेगा
जीवन है सौगात, लिखेगा
जब वो अपनी पर आएगा
मरुथल मे बरसात लिखेगा
उसकी आंखों मे जुगनू है
सारी-सारी रात लिखेगा
नन्हें हाथों को लिखने दो
बदलेंगे हालात, लिखेगा
उसके सहने की सीमा है
मत भूलो, प्रतिघात लिखेगा
बिना प्यार की खुशबू वाली
रोटी को खैरात लिखेगा
जा उसके सीने से लग जा
वो तेरे जज्बात लिखेगा
</poem>