{{KKGlobal}}{{KKFilmSongCategories|वर्ग=देश भक्ति गीत}}{{KKFilmRachna|रचनाकार= शैलेन्द्र}}<poem>होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती हैहम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं \-२
जिस देश में गंगा बहती है
(मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है)- २ज़्यादा की नहीं लालच हमको(, थोड़े मे गुज़ारा होता है)- २बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती हैहम उस देश के वासी हैं,हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
(कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं)- २ये पूरब है पूरबवाले(, हर जान की कीमत जानते हैं)- २मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती हैहम उस देश के वासी हैं,हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती है...
(जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने)- २मतलब के लिये अन्धे होकर(, रोटी को नही पूजा हमने)- २अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती हैहम उस देश के वासी हैं,हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती हैजहां दिल में सफ़ाई रहती हैहम उस देश के वासी हैं,हम उस देश के वासी हैंजिस देश में गंगा बहती है</poem>