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<poem>
:अगर फूल-काँटे में फरक फर्क हम समझते
:बेवफा तुमसे मुहब्बत न हम करते
:खुदा की कसम मुहब्बते-खत न हम लिखते
:जो मालूम होता, मुहब्बते बर्वादी बरबादी में तुम भी हो
:शामिल, तो एहदे मुहब्बत न हम करते
</poem>
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