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साँचा:KKRekhankitRachnaakaar

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<table width=100% style="background:none;background-color:#c2d1e1;" cellpadding=2 cellspacing=2>
<tr><td colspan=2 valign="top">[[चित्र:Leave-48x48.png|middle]]&nbsp;&nbsp;<font size=4>रेखांकित रचनाकार</font></td></tr>
<tr><td valign="top">[[चित्र:Ahmed_farazShamsher 1.jpg|70px|right|top]]</td><td valign="top">[[अहमद फ़राज़शमशेर बहादुर सिंह]] (१४ जनवरी १९३१- २५ अगस्त २००८), असली नाम सैयद अहमद शाह, का जन्म पाकिस्तान मुजफ्फरनगर के नौशेरां शहर एलम ग्राम में हुआ था। वे आधुनिक उर्दू के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों हुआ। शिक्षा देहरादून तथा प्रयाग में गिने जाते हैं। उन्होंने पेशावर यूनिवर्सिटी में फ़ारसी हुई। प्रयोगवाद और उर्दू विषय का अध्ययन किया था। बाद नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में वे वहीं प्राध्यापक भी हो गए थे। अहमद फ़राज़ ने रेडियो पाकिस्तान में नौकरी की और फिर अध्यापन इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेजी कवि एजरा पाउण्ड से भी जुड़े। वे १९७६ में पाकिस्तान एकेडमी ऑफ लेटर्स के डायरेक्टर जनरल प्रभावित है। इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'कुछ कविताएँ', 'कुछ और फिर उसी एकेडमी के चेयरमैन कविताएँ', 'इतने पास अपने', 'चुका भी बने। २००४ में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें हिलाल-ए-इम्तियाज़ नहीं हूँ मैं', 'बात बोलेगी', 'उदिता' तथा 'काल तुझसे होड है मेरी'। ये कबीर सम्मान तथा [[साहित्य अकादमी पुरस्कार ]] से अलंकृत किया। वे अपने समय के गालिब कहलाए। सम्मानित हुए।
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