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नदी /शांति सुमन

5 bytes added, 06:52, 10 अप्रैल 2010
दादी है तो हाँक लगाती है दिनभर-
दूध पी लो, नाश्ता तैयार है, खाना लग गया है
अरअरे, यह आधा खाना खारक खाकर किसने छोड़ दिया,
कौन अभी तक नहीं आया
दादी है तो डाँटती है-इतना नहीं खेलो
कभी देर तक खेलकर आने पर दरवाजा
नहीं खोलती, गुस्सा होती है
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