गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बाजीगर बन गई व्यवस्था / जगदीश व्योम
32 bytes added
,
03:47, 15 अप्रैल 2010
|रचनाकार=जगदीश व्योम
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
बाजीगर बन गई व्यवस्था
मैं कैसे बदलूं रे
</poem>
डा० जगदीश व्योम
929
edits